07 January 2021
श्री मान जी , एक रजिस्ट्रड फर्म जिसमे वर्तमान में 4 पार्टनर है तथा वे अपना पूरा बिज़नेस किसी 2 अन्य लोगों को ट्रांसफर कर रहे है जिसमे फैक्ट्री की लैंड एंड बिल्डिंग भी शामिल है। तो क्या फर्म का रिकंस्टीटूशन होगा जिसमे 4 पार्टनर रिटायर होकर 2 नए पार्टनर शामिल किये जाये या फिर फर्म ही नई बनेगी। इसमें क्या प्रोसेस होगी व इन्कमटैक्स इम्लिकेशन कैसे होगा
06 July 2024
आपके प्रश्न के आधार पर इस स्थिति के लिए निम्नलिखित सलाह दी जा सकती है:
1. फर्म का रिकंस्टीटूशन या नई फर्म: • इस प्रक्रिया में, आपके पास दो विकल्प हो सकते हैं: • फर्म का रिकंस्टीटूशन (Reconstitution): फर्म के वर्तमान साझेदार रिटायर हो जाते हैं और नए साझेदारों को शामिल किया जाता है। इसमें सामान्यत: फर्म की विशेषज्ञ सलाह लेती है और फर्म के नए शर्तों को व्यवस्थित करती है। • नई फर्म (Formation of New Firm): पुरानी फर्म को बंद किया जाता है और नई फर्म की स्थापना की जाती है जिसमें नए साझेदार शामिल होते हैं। इसमें पुरानी फर्म के सभी कार्यों को समाप्त किया जाता है और नई फर्म को नए शर्तों के साथ शुरू किया जाता है। 2. इनकम टैक्स प्रभाव: • फर्म के रिकंस्टीटूशन या नई फर्म की स्थापना का इनकम टैक्स प्रभाव अनुसार विभिन्न हो सकता है। यहां कुछ मुख्य प्रभाव हो सकते हैं: • कैपिटल गेन का प्रभाव: यदि फर्म की दोबारा संरचना हो रही है और वर्तमान साझेदारों को अपनी हिस्सेदारी बेचनी होती है, तो इससे कैपिटल गेन का प्रभाव उन पर पड़ सकता है। • इन्कम टैक्स का प्रभाव: फर्म के पुनर्गठन या नई स्थापना के दौरान इनकम टैक्स के विभिन्न प्रभाव आ सकते हैं, जैसे कि बेचने के लिए मुनाफा और गवाही प्राप्त करने के प्राप्त में किए गए निवेश का प्रभाव। 3. प्रक्रिया: • फर्म के रिकंस्टीटूशन या नई स्थापना के लिए आपको स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों से सलाह लेनी चाहिए और उनकी दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए। इसके बाद, आपको फर्म के नए शर्तों को लिखित रूप से दर्ज करने के लिए नया LLP अथवा फर्म दर्ज करने की आवश्यकता हो सकती है।