14 December 2018
274. (1) इस अध्याय के अधीन शास्ति अधिरोपित करने वाला कोर्इ आदेश तब तक नहीं किया जाएगा जब तक निर्धारिती की सुनवार्इ न हो जाए या उसे सुने जाने का युक्तियुक्त अवसर न दे दिया गया हो।
(2) इस अध्याय के अधीन शास्ति अधिरोपित करने वाला कोर्इ आदेश–
(क) जहां शास्ति दस हजार रुपए से अधिक है, वहां आय-कर अधिकारी द्वारा,
(ख) जहां शास्ति बीस हजार रुपए से अधिक है, वहां सहायक आयुक्त या उपायुक्त द्वारा,
संयुक्त आयुक्त के पूर्व अनुमोदन से ही किया जाएगा, अन्यथा नहीं।
(3) आय-कर प्राधिकारी इस अध्याय के अधीन शास्ति अधिरोपित करने वाला आदेश किए जाने पर उसकी एक प्रति तत्काल निर्धारण अधिकारी को भेजेगा, जब तक कि वह स्वयं निर्धारण अधिकारी न हो।
274. (1) No order imposing a penalty under this Chapter shall be made unless the assessee has been heard, or has been given a reasonable opportunity of being heard.
(2) No order imposing a penalty under this Chapter shall be made—
(a) by the Income-tax Officer, where the penalty exceeds ten thousand rupees;
(b) by the Assistant Commissioner or Deputy Commissioner, where the penalty exceeds twenty thousand rupees,
except with the prior approval of the Joint Commissioner.
(3) An income-tax authority on making an order under this Chapter imposing a penalty, unless he is himself the Assessing Officer, shall forthwith send a copy of such order to the Assessing Officer.