11 March 2014
Dont have marathi format.. but have the hindi format of partnership deed. You can translate in marathi and use.
भागीदारी नामा
यह भागीदारी नामा आज दिनांक _________ कों निम्न भागीदारी के मध्य शहर ______में निष्पादित की गयी हें कि:
1. श्री _________पिता श्री _____________ आयु ____निवासी ________________(____) (प्रथम भागीदार निवेशक भागीदार) | 2. श्री ____________ पिता _________ आयु ____निवासी _____________ (द्वितीय भागीदारी वर्किंग पार्टनर) |
यह कि दोनों भागीदारो ने मिलकर आपस में विस्फोटक पर्दाथ भण्डारण क्रय विक्रय व उपयोग करने का तय किया हैं | जिसकी निम्न शर्त तय की गयी हैं :
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1. यह कि इस भागीदारी फर्म का नाम _________रहेगा किन्तु भागीदारी की पूर्ण सहमति से नाम बदला भी जा सकेगा | 2. यह की इस भागीदारी फर्म का मुख्य व्यवसाय स्थान ग्राम ______ जिला ____(__.) रहेगा किन्तु भागीदारी की पूर्ण सहमति से अन्य स्थानों पर भी इस फर्म शाखाएं की खोला अथवा बन्द की जा सकेगी | 3. यह कि इस भागीदारी फर्म का मुख्य व्यवसाय..______ का हें व रहेगा किंतु भागीदारी की स्वतंत्र सहमति से ठेकेदारो का व अन्य प्रकार का व्यवसाय भी किया जा सकेगा | 4. यह की उपरोक्त्त फर्म में प्रथम पक्षकार ही फर्म के व्यवसाय में अपनी आवश्यकतानुसार पूंजी लगावेगे | 5. यह की इस भागीदारी फर्म के व्यवसाय में पक्षकार सख्यां द्वितीय की कार्यशील भागीदारी होगें जो की फर्म के व्यवसाय के हित में पूरा पूरा समय देकर पूर्ण लगन व निष्ठा से चलायेगे | कार्यशील भागीदार (वर्किंग पार्टनर ) की रेम्यूनरेशन ,बनोंस, बिक्री पर कमीशन आदि भी दिया, जा सकेगा | 6. यह की इस भागीदारी फर्म का व्यवसायिक वर्ष वित्तीय वर्ष होगा इस भागीदारी का प्रथम वर्ष दिनाकं 01-04-2011 से शुरू होकर 31-03-2012 कों समाप्त होगा | प्रत्येक वर्ष के 31 मार्च कों हिसाब किताब बन्द करके माल खाता, नफा, नुकसान खाता एवं आकड़ा बना लिया जायेगा तथा होंने वाले लाभ अथवा हानि कों भागीदारी के पूँजी खाते में शर्त सख्यां 7 के अनुसार जमा खर्च कर लिया जावेगें | 7. यह की इस भागीदारी फर्म का व्यवसाय से होने वाले लाभ अथवा हानि जो सम्बंधित सभी खर्चों कों एवं भागीदारी कों दिये ब्याज एवं कार्यशील भागीदारों कों देय रेम्यूनरेशन | जो की इस भागीदारी फर्म की इस विल्स की शर्त सख्यां १० के अनुसार होगा | घटाने के बाद रहेगा उसे भागीदार आपस में मिलकर निम्न प्रकार बाटेंगे :- लाभ हानि 1. श्री ________ – प्रथम पक्षकार __% __% 2. श्री ___________ द्वितीय पक्षकार __% __% योग —————————- 100 प्रतिशत 100 प्रतिशत —————————- …3…
…3… 8. यह की उपरोक्त्त सभी पक्षकारों ने पूर्ण सहमति से स्वीकार किया हें की श्री ________ एवं श्री ___________ व्यापार की आवश्यकता अनुसार पूर्ण निष्ठा एवं लगन से फर्म के हित में कार्यशील रहेंगे | 9. यह कि उनके फर्म के लिये किये गयें कार्यों एवं सेवा के लिये उन्हें रेम्यूनरेशन दिया जा सकेगा रेम्यूनरेशन कि गणना निम्न प्रकार कि जा सकेगी :- बुक प्रोफिट भागीदारों को देय वेतन अ. प्रथम रूपया 300000/- तक के रूपया 150000/- तक या बुक बुक प्रोफिट या नुकसान कि प्रोफिट का 90 प्रतिशत तक, स्थिति मे दोंनो में से जो अधिक होगा | ब. तीन लाख से अधिक के 60 प्रतिशत तक बुक प्रोफिट पर नोट – बुक प्रोफिट वहीं माना जायेगां जो आयकर अधिनियम 1961 धारा 40 [B] में परिभाषित किया गया हें या ऐसा कोई वेधानिक परिवर्तन सुधार जो वर्तमान में लागु होगा |
इस प्रकार बुक प्रोफिट पर गणना किया गया कुल रेम्यूनरेशन दोंनो कार्यशील भागीदारों श्री _________एवंश्री __________ कों बराबर चुकाया जायेगा|
यह कि इस प्रकार जो भी रेम्यूनरेशन बुक प्रोफिट के ज्ञात होने के बाद बनेगा उसे भागीदारों के खातों मे उनके लाभ अथवा हानि के हिस्से के अनुसार जमा खर्च कर दिया जाऐगा| यदि कार्यशील भागीदार चाहे तों रेम्यूनरेशन नहीं भी ले सकेगें यह कि देय रेम्यूनरेशन से कार्यशील भागीदार वर्ष भर में खर्च के लिये आर्थिक रूपया नहीं उठा सकेंगे यदि देय रेम्यूनरेशन से अधिक रूपया उठाया तों उस कार्यशील भागीदार फर्म के वर्ष के हिसाब फाईनल हों जाने के तीन माह के अन्दर- अन्दर वापस फर्म कों जमा करना होगा | 10. यह कि उक्त फर्म के नाम से किसी भी बैंक मे श्री _______ (प्रथम भागीदार) अपने हस्ताक्षर से खाता खुला सकेगा एवं समस्त बैंकिंग कार्य व्यवहार कर सकेंगे एवं चेकों प्रपत्रो आदि पर हस्ताक्षर कर सकेगा| जिसके लिये एवं श्री ________ को समस्त बैंकिंग कार्य के लिए श्री __________ ने अधिकृत/मुक़र्रर कर दिया है | इसमें दोंनो भागीदारो कि रजामंदी हैं |. …4…
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11. यह कि भागीदारों के पूँजी खातों , चालु खाते एवं गुण खातों में जमा रुपयों पर भागीदारों कों उनकी पूर्ण सहमति से साधारण ब्याज की दर 18 प्रतिशत प्रति वर्ष के हिसाब से या ऐसे ब्याज की दर से जो भागीदार आपस में मिल कर तय करें या आयकर अधिनियम १९६१ की धारा ४० (बी) के प्रवधानों के अनुरूप ही दिया जा सकें| यदि भागीदारों के पुंजी खातों मे रूपया नाम निकालता हों तों भागीदारों कों 18 प्रतिशत कि दर से फर्म कों ब्याज देय होगा | कम ब्याज की दर भागीदार आपस में मिलकर तय कर सकेंगे | 12. यह कि इस भागीदारी फर्म के व्यवसाय में सभी भागीदारों कि पूर्ण सहमति से किसी भी अन्य व्यक्ति या व्यक्तियों कों भागीदारों के रूप में लिया जा सकेगा | 13. यह कि कोई भी भागीदार अलग होना चाहेगा तों एक माह पहले सूचना देनी आवश्यक होंगी .इस भागीदारों फर्म के व्यवसाय से कभी भी कोई भी भागीदार एक माह पूर्व का लिखित नोटिस देकर एवं अपना हिसाब समझकर अलग हों सकेगा | 14. यह कि यह भागीदार ऐच्छिक भागीदारी होगी | 15. यह कि किसी भी भागीदार कि मृत्यु पर यह भागीदारी समाप्त नहीं होगीं | 16. यह कि इस भागीदारी फर्म के व्यवसाय से सम्बंधित भागीदारों के बीच, आपस में कभी भी होने वाले मनमुटाव झगड़ा- फसाद , वह विवाद आदि कों पंच फेसले द्वारा निपटाया जायेगा, पंच फैसला सभी भागीदारों कों मान्य होगा | 17. यह कि इस भागीदारी फर्म कों उपरोक्त शर्तों में सभी भागीदारों कि स्वतंत्र सहमति से कभी भी कोई भी परिवर्तन , परिवर्धन एवं सशोधित किया जा सकेगा | 18. यह कि उपरोक्त शर्तों के आलावा अन्य मामलों मे पाटर्नरशिप एक्ट 1932 कि धारा लागु होगीं |
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यह कि उपरोक्त भागीदारों फर्म कि शर्त हम प्रयकर्ताओ ने आपस मे मिल कर अपनी स्वतंत्र सहमति से बिना किसी के बड़कावे एवं फुसलाने मे आए आज दिनाकं __________ कों स्टाम्प पेपर सख्यां ____ तदादी ___/- रूपया कुल ________ पर स्वस्थ्य चित्त एवं प्रसन्न मुद्वा कि अवस्वथा मे लिख दी हें सों सनद रहे वक्त जरुरत काम आवे
इसके फलस्वरूप इस पर हस्ताक्षर कर दिये हैं .न्याय क्षेत्र उदयपुर रहेगा अत: यह भागीदारी पत्र दोंनो भागीदारो ने अपनी राजी खुशी, होशो हवास व बिना किसी दबाव के लिख दिया सो सनद रहे वक्त जरुरत काम आवे |