शेयर बाज़ार में निवेशक कब डूबते हैं- मंदी आने पर या तेजी आने पर?
आपका अनुमान गलत है।
पिछले 7-8 महीनों के दौरान नए निवेशकों ने आँख मूंदकर जिस भी शेयर में पैसे लगाए, भरपूर कमाए। ऐसी तेजी के बाद नए निवेशक सोचने लगते हैं कि ये बाज़ार हमेशा इसी तरह बढ़ता है और हमेशा इसी तरह आसान कमाई देता है।
कुछ लोगों को तो ये घमंड भी हो जाता है कि उन्हें शेयर बाजार का अच्छा ज्ञान हो गया है। एक बार की थोड़ी कमाई उन्हें जीवन भर के लिए इसमें फंसाकर रख देती है। उसके बाद आजीवन लोग इसमें उलझकर रह जाते हैं- जो कमाते हैं वे भी और जो गंवाते हैं वे भी। यदि नए निवेशक पहली बार में ही नुकसान उठा लेते तो शायद सदा के लिए इस दलदल से बच जाते।
अतः सही बात ये है कि शेयर बाजार में लोग तेजी आने पर डूबते हैं।