up to 1.60 lakhs no tax--now

shailesh agarwal (professional accountant)   (7642 Points)

06 July 2009  

 अब 1.60 लाख तक की इनकम पर टैक्स नहीं 

6 Jul 2009, 1300 hrs IST,नवभारतटाइम्स.कॉम  

नई दिल्ली।। इनकम टैक्स में छूट की उम्मीद लगाए लोगों को वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने इस बार मायूस नहीं किया है। सामान्य नागरिकों के 
लिए और महिलाओं के लिए टैक्स छूट की सीमा में 10-10 हजार रुपये और सीनियर सिटिजन यानी बुजुर्गों के लिए टैक्स छूट की सीमा में 15,000 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। 



आइए देखें और क्या-क्या निकला दादा के पिटारे से- 



टैक्स सुधार: बुजुर्ग नागरिकों लिए इनकम टैक्स छूट सीमा 15 हजार रुपये बढ़ाकर दो लाख चालीस हजार रुपये कर दी गई। महिलाओं के लिए इनकम टैक्स छूट की सीमा 1.90 लाख रुपये हुई। अन्य के लिए भी टैक्स छूट की सीमा 10 हजार बढ़कर 1.60 लाख रुपये हुई। इनकम टैक्स से 10 पर्सेंट का सरचार्ज हटा दिए गए हैं। इसके अलावा फ्रिंज बेनिफिट टैक्स को भी हटाने की घोषणा की गई है। कॉर्परेट टैक्स में कोई बदलाव नहीं किया गया है। जबकि कमोडिटी ट्रांजैक्शन टैक्स हटा लिया गया है। वकीलों को सर्विस टैक्स के दायरे में लाया गया है। इनकम टैक्स प्रक्रिया को और आसान बनाया जाएगा। आयकर रिटर्न के लिए सरल 2 फॉर्म शुरू किया जाएगा। नया टैक्स कोड 45 दिनों में लागू हो जाएगा। 



सस्ता-महंगाः खाद्य वस्तु,फार्मा, दवाइयों, पेपर, कलाकृतियों, प्रेशर कुकर, वाटर फिल्टर, प्यूरीफायर, वाटर पंप को छोड़कर बाकी वस्तुओं पर एक्साइज ड्यूटी चार से बढ़ाकर आठ प्रतिशत। एलसीडी सस्ते होंगे। 1500 से 4500 तक घटेंगे दाम। सेटटॉप बॉक्स महंगा होगा। 10 जीवनरक्षक दवाएं सस्ती होंगी। सोने पर कस्टम ड्यूटी बढ़ी। सोने का आयात अब महंगा हुआ। मोबाइल और कंप्यूटर सस्ता हुआ। ब्रैंडेड जूलरी सस्ती हुई। सीएफएल भी बल्ब सस्ते होंगे। सोने का आयात महंगा होगा। 



बजट पेश करते हुए प्रणव मुखर्जी ने कहा कि नौ पर्सेंट विकास दर हासिल करना सरकार की प्राथमिकता है। वित्त मंत्री ने कहा कि वर्ष 2008-09 में आर्थिक विकास दर 6.7 फीसदी रही। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत दिख रहे हैं और भारतीय अर्थव्यवस्था में व्यापार की भागीदारी 39 प्रतिशत हो गई है। वर्ष 2008 में सामानों और सेवा के क्षेत्र में व्यापार दोगुना हुआ है। वित्त मंत्री ने कहा कि विदेशी निवेशक एक बार फिर भारतीय बाजार का रुख कर रहे हैं। 



बजट की खास-खास बातें- 

-ब्रैंडेड जूलरी, एलसीडी टीवी, मोबाइल फोन, वाटर प्यूरीफायर सस्ता। 

-खाद्य वस्तु,फार्मा, दवाइयों, पेपर, कलाकृतियों, प्रेशर कुकर, वाटर फिल्टर, प्यूरीफायर, वाटर पंप को छोड़कर बाकी वस्तुओं पर एक्साइज ड्यूटी चार से बढ़ाकर आठ प्रतिशत। 

-पेट्रोल ट्रकों पर आयात शुल्क घटाकर आठ प्रतिशत। 

-रद्दी, ऊन और कपास पर आयात शुल्क 15 से घटाकर 10 प्रतिशत। 

-रेलवे की तरह पोत के जरिए माल ढुलाई पर सर्विस टैक्स लागू। 

-सोने की छड़ पर आयात शुल्क 100 रुपये प्रति 10 ग्राम से बढ़ाकर 200 रुपये। 

-सोने की जूलरी पर आयात शुल्क 250 रुपये प्रति 10 ग्राम से बढ़ाकर 500 रुपये। 

-वकील और सीए पर सर्विस टैक्स लगा। 

-एलसीडी टेलिविजन सस्ता होगा। 

-सेट टॉप बॉक्स महंगा होगा। 

-सोने पर कस्टम ड्यूटी बढ़ी, आयात महंगा हुआ। 

- 10 जीवनरक्षक दवाएं सस्ती। 

-कॉरपोरेट टैक्स में कोई बदलाव नहीं। 

-नई पेंशन स्कीम में जमा राशि पर टैक्स में छूट। 

-निर्यात पर कर रियायत एक साल के लिए बढ़ी। 

-कमोडिटी ट्रांजिक्शन टैक्स भी समाप्त होगा। 

-फ्रिंज बेनिफिट टैक्स को समाप्त करने का प्रस्ताव। 

-आयकर का नया कोड 45 दिनों में। 

-प्रत्यक्ष करों पर से सरचार्ज को चरणबद्ध तरीके से खत्म करने का प्रस्ताव। 

-व्यक्तिगत आय पर 10 प्रतिशत का अधिभार समाप्त। 

-बुजुर्ग नागरिकों के लिए आयकर छूट की सीमा 2.25 लाख रुपये से बढ़ाकर 2.40 लाख रुपये की गई। 

-महिलाओं के लिए आयकर छूट की सीमा 1.80 लाख से बढ़ाकर 1.90 लाख रुपये किया गया। 

-बाकी के लिए आयकर छूट की सीमा 1.50 लाख से बढ़ाकर 1.60 लाख रुपये हुई। 

-सभी राज्यों में सेंट्रल यूनिवर्सिटी के लिए 867 करोड़ रुपये का प्रावधान। 

-अनुसूचित जाति बहुल गांवों के लिए प्रधानमंत्री ग्राम आदर्श योजना। 

-गैर योजना खर्च में 36 प्रतिशत की बढ़ोतरी। 

-रक्षा क्षेत्र का परिव्यय बढ़ाकर 1, 41, 703 करोड़ रुपये। 

-सभी विकास खंडों में बैंक खोलने के लिए सहायता देगी सरकार। 

-सब्सिडी 2008-09 के 71, 431 करोड़ रुपये से बढ़कर.1, 11, 276 करोड़ रुपये 

-पहली बार हमने कुल खर्च का 10, 00, 000 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार किया 

-कुल बजट 10, 20, 838 करोड़ रुपये का, जिसमें गैर योजना खर्च 6.95 लाख करोड़ रुपये। 

-प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत आवंटन 59 प्रतिशत बढ़ा। 

-7000 करोड़ रुपये राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत। 

-63 प्रतिशत इंदिरा आवास योजना के आवंटन में बढ़ोतरी। 

-आइला प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्निमाण के लिए 1000 करोड़ रुपये। 

-श्रीलंकाई तमिलों के पुनर्वास के लिए 500 करोड़ रुपये। 

-अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पश्चिम बंगाल और केरल परिसरों के लिए 25-25 करोड़ रुपये का आवंटन। 

-अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के लिए आवंटन बढ़ाकर 1740 करोड़ रुपये। 

-राष्ट्रमंडल खेलों के लिए आवंटन 2112 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 3472 करोड़ रुपये। 

-चंडीगढ यूनिवर्सिटी के लिए 50 करोड रुपये। 

-केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के लिए एक लाख आवास बनेंगे 

-यूनीक आइडेंटिफिकेशन कार्ड योजना की शुरुआत। 12 से 18 महीने में पहला कार्ड। 

राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन में 257 करोड़ रुपये आवंटन बढ़ा। 

-इंदिरा विकास योजना के लिए 8800 करोड़ रुपये। 

-गांवों की सड़कों के लिए 12 हजार करोड़ रुपये। 

-नरेगा का बजट 144 % बढ़कर 39, 100 करोड़ हुआ, भारत निर्माण का बजट भी 45% बढ़ा। 

-बैंकों को गैर-बैंकिंग क्षेत्र में कार्य करने के लिए 100 करोड़ की सहायचा। 

-प्रिंट मीडिया के लिए स्टिमुलस पैकेज की अवधि छह महीने के लिए बढ़ी। 

-बैंक और बीमा कंपनियां पब्लिक सेक्टर में ही रहेंगी। 

-सब्सिडी का फायदा सीधे किसानों के देने का लक्ष्य। 

-लिस्टेड सरकारी कंपनियों में विनिवेश होगा। 

-टैक्स प्रणाली सरल होगी, सरल-2 फॉर्म शुरू होगा। 

-पेट्रो प्रॉडक्ट की कीमते तय करने के लिए एक्सपर्ट की टीम बनेगी। 

-बैंकों को 4000 करोड़ रुपये की मदद दी जाएगी। 

-मुंबई में ड्रेनेज के लिए 300 करोड़ रुपये का प्रावधान। 

-किसानों को महाजन के कर्ज से मुक्ति दिलाने के लिए टास्क फोर्स। 

-देश को स्लम मुक्त बनाने के लिए राजीव आवास योजना। 

-मॉनसून में देरी से किसानों की लोन अदायगी की समयसीमा छह महीने बढ़ी। 

-बिजली क्षेत्र के लिए 2080 करोड़ का आवंटन। 

-वक्त पर लोन चुकाने वाले किसानों को छूट मिलेगी। 

-नैशनल गैस ग्रिड का विकास किया जाएगा। 

-मुंबई में बुनियादी ढांचे के लिए 500 करोड़ रुपये। 

-शहरी आवासों के लिए 40,000 करोड़ रुपये। 

-नैशनल हाइवे प्रॉजेक्ट का बजट 23 फीसदी बढ़ा। 

-नेहरू अर्बन मिशन का बजट 80 % बढ़ा। 

-इन्फ्रास्ट्रक्चर में इन्वेस्टमेंट का काम नई कंपनी IIFCL देखेगी। 

-बुनियादी ढांचों के लिए एक लाख करोड़ का लोन देगी सरकार। 

-2014 तक देश में गरीबों की आबादी आधी की जाएगी। 

-बजट से पहले अब राज्यों से बात होगी। 

-आर्थिक मंदी से नौकरियां कम हुईं, निवेश पर भी असर पड़ा। 

-जीडीपी 6.7% रही, विकास दर को 9% करने का लक्ष्य। 

-प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत किया जाएगा। 

-हर साल 1.2 करोड़ नौकरी देने का लक्ष्य। 

-कृषि में 4% विकास दर हासिल करने का लक्ष्य।