Suicide : - CA Final.

triumph-CMA (Chartered Accountant) (503 Points)

18 January 2010  

 गोल्ड मैडल नहीं तो मैं भी नहीं

कानपुर, एक संवाददाता : टॉप पर रहने की महत्वाकांक्षा ने चार्टर्ड एकाउंटेंसी अंतिम वर्ष के छात्र की जान ले ली। हमेशा गोल्ड मैडेलिस्ट रहा अनन्य बाजपेयी अंतिम वर्ष में यह खिताब छिनने से आशंकित था। कमरे के बाहर डोंट डिस्टर्ब की चिट लगा घंटों पढ़ता। अंतत: मानसिक दबाव से हारकर मौत का रास्ता चुन लिया। परिजनों में कोहराम मचा है तो इलाकाई स्तब्ध हैं। कौशलपुरी के अविनाश चंद्र बाजपेई एक उच्च तकनीकी संस्थान के लिए प्रोजेक्ट बनाते हैं। उनका 22 वर्षीय बेटा अनन्य मुंबई में बड़े भाई आशुतोष के साथ रहकर सीए की पढ़ाई कर रहा था। परिजनों के अनुसार इसी सप्ताह वह मुंबई से घर आया था। शुक्रवार शाम मां रजनी घरेलू काम निपटा रही थीं जबकि अनन्य दूसरे कमरे में पढ़ाई कर रहा था। इसी दौरान उसने पंखे के कुंडे से चादर बांधकर फांसी लगा ली। रात करीब आठ बजे रजनी बेटे को बुलाने पहुंची तो शव लटका देख चीख निकल गयी। चीख-पुकार सुनकर एकत्र पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी। परिजन बताते हैं अनन्य पढ़ाई को लेकर कोई समझौता नहीं करता था। दारोगा भगवान सिंह ने बताया बीते वर्ष अनन्य ने बेहतर परिणाम से गोल्ड मैडल हासिल किया था लेकिन इस बार पढ़ाई गड़बड़ाने से वह अवसादग्रस्त हो गया। नजीराबाद इंस्पेक्टर एके सिंह ने बताया अनन्य ने सुसाइड नोट लिखा है जिसमें उसने मां व भाई को प्यार देते हुए पढ़ाई का दबाव होने की बात कही है।