Student ki prarthana

Saurabh Maheshwari (B.com,ACA) (5923 Points)

11 July 2013  


"छात्र की प्रार्थना"

हे! प्रभु इस भक्त की इतनी सी विनय सुन लीजिये 
मार ठोकर नाव मेरी पार ही कर दीजिये । 
हम नहीं डरते हैं , आँधी से  प्रलय से, न तूफान से,
कापती हैं रूह हमारी इम्तिहान के नाम से।
 
टाये-टाटा, टाये-टाटा रोज रटते ह प्रभु ,
पुस्तकों को रात -दिन पलटे हैं प्रभु,
पर भाग्य में न जाने कौनसा अभिशाप हैं,
रात को रटते हैं,सुबह मैदान साफ हैं।
 
पी गयी ISCA हमारी खोपड़ी के इस खून को,
फिर भी न समझ सके हम इस बेतुके मजमून को,
नाश हो costing ka toh ... का तो जिसके statements के सागर मे हम बह गए।

Standard   से Relevant तक सब कुछ irrelevant  हो गए।


Audit की boring theory में तो जैसे छांछ सा नशा ,
कोशिश तो लाख करते पढ़ने की , लेकिन ये मन तो नींद के झोको में ही फसा।

Tax और laws की तो बात ही न्यारि,यहा तो exceptions पर exceptions भारी ।
Interpretations  की यह दुनिया सारी,  courts में चलती रहती मारा-मारी ।।


मान लिया प्रभु , यह course  थोड़ा मुश्किल-थोड़ा गहरा ।
कदम -कदम पर हैं , hardships का डेरा ..।
लेकिन प्रभु साथ जो हैं ये तेरा, तो आने वाला सुनहरा कल सिर्फ मेरा..सिर्फ मेरा।।