Shayari of the day 05.08.2014

CA Devanand Jethanandani (CA) (8003 Points)

05 August 2014  

जनाब,

मत पूछिए हद हमारी गुस्ताखियों की,

 

 

मत पूछिए हद हमारी गुस्ताखियों की

 

 


हम आईना ज़मीं पर रखकर आसमां कुचल दिया करते हैं ।