सर एक व्यक्ति 2015-16 में पुराने टेक्टरों को खरीद कर उसको बेचने का कार्य करता था वो बैंको से जो ग्राहक पेमेंट नहीं चुका पाते है उनके टेक्टर को बैंक से लेकर बेचता था जिससे होने वाली आय को वह कमशीन के रूप में दिखाता था तथा उसी के आधार पर आयकर की रिटनर््ा भरता था लेकिन सत्र 2016-17 से उसने टिन नं लेकर वह पूरा लेखा जोखा रखने लगा है तो आपसे यह जानना चाहता हूं कि क्या अब वह जो आयकर की रिटर्न भरेगा उसकी पर्सनल अलग होगी तथा टिन नं लिये हुये फर्म की अलग होगी जबकि दोने ही में वह प्रोपराईटर है साथ ही उसका एकाउंट मेंटेन करते समय उसकी पर्सनल एफ डी गोल्ड आदि को फर्म के एकाउंट के साथ ही बंलेस शीट में संपति तरफ बताया जा सकता हैं या नहीं