Poem spare 2 minutes of your precious time

priyanshu saxena (MBL LL.B.(Hons.) CS (Professional) with 4 yrs exp as Law editor in Thakur Publishers Pvt. Ltd.)   (2653 Points)

07 July 2013  

पापा बाहर जायेंगे 

तो हम भी बाहर जायेंगे

हम उलटी चप्पल पहनेंगे 
तो वो सीधी करवाएंगे

साइकिल जब सिखलाएंगे
तो पीछे पीछे आयेंगे
जब हम ठोकर खायेंगे 
हाथों से हमे उठाएंगे

मम्मा का दुप्पटा ओढेगे 
लाली बिंदी लगवाएंगे
दिन भर हम उधम मचाएँगे 
लूडो गुट्टे खिल्वायेंगे
जोरों की मार खायेंगे
ये मैंने नही भाई ने किया
ऐसा रट्टा भी लगायेंगे

बोतल में पानी भर देंगे
भाई को टॉफ़ी दे देंगे
हम अच्छे अच्छे बच्चे हैं 
हम काम सभी के कर देंगे 

हम अच्छे थे जब छोटे थे
गुड्डे गुड़ियों को रोते थे
ये कहाँ आ फंसे चक्कर में 
कितने सुकून से सोते थे

अब हर पल चिंतन करते हैं
कैसे कुछ कर के दिखलायें
मौजूद तरीके बहुतेरे
कैसे इस मन को बहलायें