पापा बाहर जायेंगे
तो हम भी बाहर जायेंगे
हम उलटी चप्पल पहनेंगे
तो वो सीधी करवाएंगे
साइकिल जब सिखलाएंगे
तो पीछे पीछे आयेंगे
जब हम ठोकर खायेंगे
हाथों से हमे उठाएंगे
मम्मा का दुप्पटा ओढेगे
लाली बिंदी लगवाएंगे
दिन भर हम उधम मचाएँगे
लूडो गुट्टे खिल्वायेंगे
जोरों की मार खायेंगे
ये मैंने नही भाई ने किया
ऐसा रट्टा भी लगायेंगे
बोतल में पानी भर देंगे
भाई को टॉफ़ी दे देंगे
हम अच्छे अच्छे बच्चे हैं
हम काम सभी के कर देंगे
हम अच्छे थे जब छोटे थे
गुड्डे गुड़ियों को रोते थे
ये कहाँ आ फंसे चक्कर में
कितने सुकून से सोते थे
अब हर पल चिंतन करते हैं
कैसे कुछ कर के दिखलायें
मौजूद तरीके बहुतेरे
कैसे इस मन को बहलायें