MBA or Chartered Accountant

kamal kishor sen (STUDENT Rajasthan) (2156 Points)

02 July 2011  
एमबीए या चार्टर्ड एकाउंटेंट
 
 

एकाउंटेंसी, ऑडिटिंग, और कंसलटेंसी जैसे कुछ विशेष डि‍पार्टमेंट हैं जो आपको आमतौर पर हर ऑफि‍स में देखने को मिल जाएँगे। सरकारी ऑफिस हो या नि‍जी इन डि‍पार्टमेंट्स में काम करने वाले लोगों के रुतबे से हर कोई वाकिफ है। अब जब स्टेस भी अच्छा और वेतन भी तो छात्र इस क्षेत्र में जाने से कतराते क्यों हैं?

हाल में हुए एक सर्वेक्षण के अनुसार कॉमर्स इंडस्ट्री में उच्च शिक्षा के दो पाठ्यक्रमों को लेकर छात्रों के बीच हमेशा कसमकश रहती है। ये दो कोर्सेस हैं- एमबीए और सीए।

सीए की पढ़ाई का रुझान कम
कॉमर्स से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि चार्टर्ड एकाउंटेंसी (सीए) की पढ़ाई को लेकर छात्रों के मन में कहीं न कहीं एक भय बना रहता है कि ये पाठ्यक्रम बहुत मुश्किल है। यह र उन लोगों द्वारा बनाया हुआ होता है जो काफी समय पहले यह कोर्स कर चुके होते हैं या फिर उन लोगों द्वारा जिन्होंने सीए बनने की कोशिश तो की परंतु बन नहीं पाए।

कुछ वर्ष पूर्व हमारे समाज के एक बड़े वर्ग में माता-पिता अपने बच्चे की उच्च शिक्षा में 4 वर्ष नहीं लगाना चाहते थे। आम धारणा यह बनी रही के छात्र स्नातक हो गया, बस अब कमाने लग जाए। ऐसे में उच्च शिक्षा के नाम पर एमबीए नई दिशा निकलकर आई जिसने छात्रों को बेहद प्रभावित किया।

तुलनात्मक रूप से देखा जाए तो आधी से भी कम अवधि की पढ़ाई! बस फिर क्या, गली-गली बी इंस्टिट्यूट तथा यूनिवर्सिटी खुलने लगीं। आज हर 4 में से 3 छात्र आपको एमबीए करते नजर आ जाएँगे। जबकि सीए की बात की जाए तो भारत में चार्टर्ड एकाउंटेट का मात्र एक इंस्‍टि‍ट्यूट है जो कि जरूरत पड़ने पर ट्रेनिंग आयोजित करता है और परिणाम घोषित करता है।

भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंट ऑफ इंडिया) एक ऐसा संस्थान है जहाँ आपको शून्य प्रतिशत बेरोजगारी देखने को मिलेगी।
 

 

कंपेरि‍टि‍व स्‍टडी

सीए एक जीरो इनवेस्‍टमेंट वाला पाठ्यक्रम है जबकि एमबीए कोर्स की फीस आज आसमान छूती नजर आ रही है। ऐसे भी कॉलेज और यूनिवर्सिटी हैं जहाँ एमबीए की फीस 8 लाख से 20 लाख रुपए तक है। इसकी तुलना में सीए की पढ़ाई पर कुछ खास खर्चा नहीं है।'

1. कोई कंपनी एमबीए के बिना तो चलाई जा सकती है परंतु सीए के बिना नहीं।

2. प्रशिक्षु सीए को लगभग 4000 रुपए प्रति माह वजीफा (ट्रेनी स्टायपेंड) मिलता है जो तीन वर्ष में लगभग 1.4 लाख रुपए होता। इतनी ही फीस सीए की बैठती है।

3. एक सीए का वेतन भी एमबीए की तुलना में कहीं अधिक होता है। आईसीएआई के कैंपस प्लेसमेंट में ७ लाख रुपए सालाना का वेतन बहुत आराम से मिलता है।

4. यदि सामाजिक प्रतिष्ठा देखी जाए तो नाम से पहले सीए लिखा जा सकता है, एमबीए नहीं।

करेंट सि‍नेरि‍यो
वर्ष 2008 के बाद से भारत में चार्टर्ड एकाउंटेंट की माँग तेजी से बढ़ रही है। विकासशील अर्थव्यवस्था में इस पाठ्यक्रम की काफी आवश्यकता है। आज भारत में किसी अन्य पाठ्यक्रम के योग्य पेशवरों की अपेक्षा सीए का महत्व बहुत ऊँचा हो गया है। वित्त और लेखा आउटसोर्सिंग की यदि बात की जाए तो केपीओ और बीपीओ के बढ़ते बाजार में चार्टर्ड एकाउंट के वारे-न्यारे होने हैं।

फिलहाल भारत में प्रतिवर्ष 9 से 10 हजार छात्र सीए की परीक्षाएँ पास करते हैं। एक आकलन है कि वर्ष 2010 के अंत तक देश में सीए की माँग 50 हजार हो जाएगी। यह कोर्स करने के बाद आप किसी भी प्रख्यात कंपनी में बतौर फाइनेंस मैनेजर, फाइनेंशि‍यल कंट्रोलर, फाइनेंसियल एडवाइजर या फाइनेंस डायरेक्टर की हैसियत से काम कर सकते हैं। एकाउंटेंसी, ऑडिटिंग, कॉस्ट एकाउंटेंसी, टैक्ससेशन, इन्वेस्टीगेशन तथा कंसलटेंसी में भी आगे अवसर हैं।