तेरे पैरो की मिटटी, शायद आँगन में बिखरी है कही
CMA. CS. Sanjay Gupta
("PROUD TO BE AN INDIAN")
(114225 Points)
Replied 21 October 2010
Santhosh Poojary
(SIEMPRE AHÍ PARA TI)
(15607 Points)
Replied 21 October 2010
मुझे इंतेज़ार है, कब पूरा होगा
कम्बख्त पङोस से जो महक आती है
प्यास को और बढ़ाती है
जाने कब ये इंतेजांर पूरा होगा
मालूम है,कुछ लम्हात ही जानिब मेरे होगा
लेकिन भूख अब हर पल और बहकाती है
बुझेगी जल्दी ही पर आस और जगाती है
और अब ये इंतज्रार पूरा होगा
मुझे अब जाना होगा,खाना जो शुरु होगा
देखुं तो वहां जाकर कि क्या नज़र होगा
मुझे इंतज्रार है, अब पूरा होगा
Santhosh Poojary
(SIEMPRE AHÍ PARA TI)
(15607 Points)
Replied 21 October 2010
पल पल हर पल कहता है ये पल .
रुकना जिन्दगी नहीं , आ मेरे साथ चल.
हाथ मेरे थाम ले तू ,जायेगा किस्मत बदल.
पल पल हर पल कहता है ये पल .
रोज बदल्ती दुनिया में ,कौन जाने क्या होगा कल.
दुनिया की इस भरी मेहफिल में , तेरा भी है कुछ रोल.
पल पल हर पल कहता है ये पल .
छुटे जो साथ मेरा तो,रह जायोगे हाथ मल्.
CMA. CS. Sanjay Gupta
("PROUD TO BE AN INDIAN")
(114225 Points)
Replied 22 October 2010
CMA. CS. Sanjay Gupta
("PROUD TO BE AN INDIAN")
(114225 Points)
Replied 22 October 2010
You are a blessing from above
Of understanding, care and love
You nurtured me in bad times
And protected me from hot sun shine
Like and angle, like my own aura
You are there with me forever
Death doth part us, you are my living
You gave me life, I’m your breeding
Its not just this world the material around
More of love and care inside out
I’m the seed the un-sown self
You furnished my roots with
Food physical and spiritual
For have brought me up so well
So loving and sincere
I’m the helpless grain of sand
I won’t stay long in your hands
I flow with your teachings of freedom
With all the love for you, I’m overwhelmed
You are the best thing in my life
You are the wings, I’m the feather
You make my life so beautiful
You add the magical colour
I love you with all my might
You the the only one for me. My dear Father!
Vikas Gupta
(CHARTERED ACCOUNTANT)
(16295 Points)
Replied 22 October 2010
Don't Quit....
When things go wrong as they sometimes will;
When the road you're trudging seems all uphill;
When the funds are low, and the debts are high;
And you want to smile, but you have to sigh;
When care is pressing you down a bit
Rest if you must, but don't you quit.
Success is failure turned inside out;
The silver tint of the clouds of doubt;
And you can never tell how close you are;
It may be near when it seems afar.
So, stick to the fight when you're hardest hit
It's when things go wrong that you mustn't quit.
Vikas Gupta
(CHARTERED ACCOUNTANT)
(16295 Points)
Replied 22 October 2010
The Victor
If you think you are beaten, you are.
If you think you dare not, you don't.
If you like to win but think you can't,
It's almost a cinch you won't.
If you think you'll lose, you're lost.
For out in the world we find
Success begins with a fellow's will.
It's all in the state of mind.
If you think you are out classed, you are.
You've got to think high to rise.
You've got to be sure of your-self before
You can ever win the prize.
Life's battles don't always go
To the stronger or faster man.
But sooner or later, the man who wins
Is the man who thinks he can.
Rajesh
(Service )
(7576 Points)
Replied 23 October 2010
कोई इक तिशनगी कोई समुन्दर लेके आया है
जहाँ मे हर कोई अपना मुकद्दर लेके आया है
तबस्सुम उसके होठों पर है उसके हाथ में गुल है
मगर मालूम है मुझको वो ख़ंजर लेके आया है
तेरी महफ़िल से दिल कुछ और तनहा होके लौटा है
ये लेने क्या गया था और क्या घर लेके आया है
बसा था शहर में बसने का इक सपना जिन आँखों में
वो उन आँखों मे घर जलने का मंज़र लेके आया है
न मंज़िल है न मंज़िल की है कोई दूर तक उम्मीद
ये किस रस्ते पे मुझको मेरा रहबर लेके आया है
-राजेश रेड्डी
Rajesh
(Service )
(7576 Points)
Replied 23 October 2010
यूँ देखिये तो आंधी में बस इक शजर गया
लेकिन न जाने कितने परिन्दों का घर गया
जैसे ग़लत पते पे चला आए कोई शख़्स
सुख ऐसे मेरे दर पे रुका और गुज़र गया
मैं ही सबब था अबके भी अपनी शिकस्त का
इल्ज़ाम अबकी बार भी क़िस्मत के सर गया
अर्से से दिल ने की नहीं सच बोलने की ज़िद
हैरान हूँ मैं कैसे ये बच्चा सुधर गया
उनसे सुहानी शाम का चर्चा न कीजिए
जिनके सरों पे धूप का मौसम ठहर गया
जीने की कोशिशों के नतीज़े में बारहा
महसूस ये हुआ कि मैं कुछ और मर गया
-राजेश रेड्डी
CMA Arif Farooqui
(Cost Accountant)
(4798 Points)
Replied 23 October 2010
Keep sharing.
u all have Harivansh Rai Bacchan in side you, keep alive him.................
just kidding friends, nice thoughts and thanks 4 sharing
CMA. CS. Sanjay Gupta
("PROUD TO BE AN INDIAN")
(114225 Points)
Replied 23 October 2010
Originally posted by : CMA Arif | ||
Keep sharing. u all have Harivansh Rai Bacchan in side you, keep alive him................. just kidding friends, nice thoughts and thanks 4 sharing |
Arif Bhai Janmabhumi ka asar hai....And who says Sir Harivansh Rai Bacchan is not alive....
He will always remain alive in our hearts through his great creations.......
CS Richa Sharma
(company secretary)
(2221 Points)
Replied 23 October 2010
Thanks Sanjay, for sharing this heart touching poem.....
Originally posted by : CMA. Sanjay Gupta | ||
My dear Father! You are a blessing from above Of understanding, care and love You nurtured me in bad times And protected me from hot sun shine Like and angle, like my own aura You are there with me forever Death doth part us, you are my living You gave me life, I’m your breeding Its not just this world the material around More of love and care inside out I’m the seed the un-sown self You furnished my roots with Food physical and spiritual For have brought me up so well So loving and sincere I’m the helpless grain of sand I won’t stay long in your hands I flow with your teachings of freedom With all the love for you, I’m overwhelmed You are the best thing in my life You are the wings, I’m the feather You make my life so beautiful You add the magical colour I love you with all my might You the the only one for me. My dear Father! |
Rajesh
(Service )
(7576 Points)
Replied 23 October 2010
इस चेहरे में पोशीदा है इक क़ौम का चेहरा
चेहरे का उतर जाना मुनासिब नहीं होगा
अब भी चलती है जब आँधी कभी ग़म की ‘राना’
माँ की ममता मुझे बाहों में छुपा लेती है
मुसीबत के दिनों में हमेशा साथ रहती है
पयम्बर क्या परेशानी में उम्मत छोड़ सकता है
पुराना पेड़ बुज़ुर्गों की तरह होता है
यही बहुत है कि ताज़ा हवाएँ देता है
किसी के पास आते हैं तो दरिया सूख जाते हैं
किसी के एड़ियों से रेत का चश्मा निकलता है
जब तक रहा हूँ धूप में चादर बना रहा
मैं अपनी माँ का आखिरी ज़ेवर बना रहा
देख ले ज़ालिम शिकारी ! माँ की ममता देख ले
देख ले चिड़िया तेरे दाने तलक तो आ गई
मुझे भी उसकी जदाई सताती रहती है
उसे भी ख़्वाब में बेटा दिखाई देता है
मुफ़लिसी घर में ठहरने नहीं देती उसको
और परदेस में बेटा नहीं रहने देता
अगर स्कूल में बच्चे हों घर अच्छा नहीं लगता
परिन्दों के न होने पर शजर अच्छा नहीं लगता
- मुनव्वर राना
Rajesh
(Service )
(7576 Points)
Replied 23 October 2010
हँसते हुए माँ बाप की गाली नहीं खाते
बच्चे हैं तो क्यों शौक़ से मिट्टी नहीं खाते
हो चाहे जिस इलाक़े की ज़बाँ बच्चे समझते हैं
सगी है या कि सौतेली है माँ बच्चे समझते हैं
हवा दुखों की जब आई कभी ख़िज़ाँ की तरह
मुझे छुपा लिया मिट्टी ने मेरी माँ की तरह
सिसकियाँ उसकी न देखी गईं मुझसे ‘राना’
रो पड़ा मैं भी उसे पहली कमाई देते
सर फिरे लोग हमें दुश्मन-ए-जाँ कहते हैं
हम जो इस मुल्क की मिट्टी को भी माँ कहते हैं
मुझे बस इस लिए अच्छी बहार लगती है
कि ये भी माँ की तरह ख़ुशगवार लगती है
मैंने रोते हुए पोंछे थे किसी दिन आँसू
मुद्दतों माँ ने नहीं धोया दुपट्टा अपना
भेजे गए फ़रिश्ते हमारे बचाव को
जब हादसात माँ की दुआ से उलझ पड़े
लबों पे उसके कभी बद्दुआ नहीं होती
बस एक माँ है जो मुझसे ख़फ़ा नहीं होती
तार पर बैठी हुई चिड़ियों को सोता देख कर
फ़र्श पर सोता हुआ बेटा बहुत अच्छा लगा