हलके से बादल हो जाते हैं...
और तेज हवा चलने लगती है..
लहलहाते खेत..
हवा को हाथो से दूर धकेलते पेड़..
लहरों की तरह उड़ती आती मिटटी...
और हवा में ऊंची ऊंची उड़ती पन्नियाँ..
पानी में घुलती हुई मिटटी....
बारिश के बाद निकलने वाला इंद्र धनुष.....
सब कुछ अचानक से जीवंत सा हो उठता है..
मुझे जिंदगी का डिजिटल फील यही सब देता है..