महानगरों में नौकरी सृजन में दूसरे स्थान पर रहे मुंबई की तुलना में दिल्ली-एनसीआर में ढाई गुना अधिक नौकरियां मिली हैं। ये नौकरियां मुख्य रूप से आईटी और आईटी संबंधी क्षेत्र, शिक्षा, बैंकिंग, मैन्युफैक्चरिंग और बीमा क्षेत्र में आई हैं। नौकरी सृजन में टियर वन शहरों की हिस्सेदारी 73.47 फीसदी, टियर टू शहरों की हिस्सेदारी 18.83 फीसदी और टियर थ्री शहरों की हिस्सेदारी 7.7 फीसदी रही।
अलग-अलग मेट्रो शहरों की रोजगार सृजन में हिस्सेदारी देखी जाए तो दिल्ली-एनसीआर में 34.06 फीसदी और मुंबई की हिस्सेदारी 13.48 फीसदी रही। इस तरह दिल्ली-एनसीआर में 75,000 से अधिक नौकरियों का सृजन 7 महीने में हुआ है। अगर सेक्टरवार नौकरियों का आकलन करें तो आईटी और इससे जुड़ी सेवाओं में 30.02 फीसदी नौकरियां आईं, शिक्षा में 8.94 फीसदी, बैंकिंग में 5.38 फीसदी, मैन्युफैक्चरिंग में 6.96 फीसदी और बीमा क्षेत्र में 4.38 फीसदी नौकरियां आई हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, टियर दो के शहरों में पुणे और अहमदाबाद का प्रदर्शन दूसरों से बेहतर रहा है। टियर तीन के शहरों में वडोदरा, पुडुचेरी और अलंकेश्वर ने अच्छा प्रदर्शन किया है।
नई दिल्ली: देश के जॉब मार्केट में दिल्ली-एनसीआर सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले इलाके रूप में उभरा है। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से अक्टूबर तक दिल्ली-एनसीआर में 75,000 से अधिक नौकरियों का सृजन हुआ।
इस तरह इस क्षेत्र में हर महीने 10,000 से अधिक नौकरियों के अवसर आए।
एसोचैम की रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल से अक्टूबर के बीच देश में 3,21,294 नौकरियां सृजित हुई हैं।
जहां तक तीनों तरह के शहरों में रोजगार के अवसरों में वृद्धि की दर का सवाल है तो मेट्रो शहरों में यह दर 5.71 फीसदी, टियर दो शहरों में 29.58 फीसदी और टियर थ्री शहरों में नकारात्मक 12.01 फीसदी रही
देश में नौकरी सृजन में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद दिल्ली-एनसीआर पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के अपने प्रदर्शन से अब भी कहीं पीछे रह गया है। वित्त वर्ष 2008-09 की इसी अवधि की तुलना में दिल्ली-एनसीआर में चालू वित्त वर्ष में भतिर्यों की संख्या 23.42 फीसदी कम रही।
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shailesh agarwal (professional accountant) (7642 Points)
02 November 2009