Jeevan kavita

ROSHAN BHARTIA (ACCOUNTANT AND CA ARTICLE)   (2250 Points)

13 June 2013  
जीवन से ना हार मनुज तू जीवन से ना हार
सबसे बड़ी सौगात है जीवन, जीवन से ना हार.
एक अंधेरे से क्यों डरता, लाख सितारे झिलमिल जाएँगे
एक निराशा में क्यों घुटता, लाख सहारे चल आएँगे
जितने काँटें राह में तेरी, फूल भी उतने खिल आएँगे
एक रास्ता बंद मिला तो, लाख रास्ते खुल जाएँगे
जीवन से ना हार मनुज तू जीवन से ना हार .
कैसा सुख और कैसी खुशियाँ, जो दुःख से पहचान न हो
साहिल भी ना लगता प्यारा, गर तूफानों से टकराव न हो
फूल बिछौनें भी न भाते, जो काँटों की चुभन तुझे याद ना हो
मंजिल भी ना लगती प्यारी, गर टूटे ख़्वाबों का अहसास ना हो
जीवन से ना हार मनुज तू जीवन से न हार.
बीत गया जो उसके गम में, आने वाला कल ना खोना
आंधी आये तूफाँ आये, तू बस अपना बल ना खोना
खुशियों से भरा जो होगा वो, आने वाला पल न खोना
जो ना आये वो पल तो भी, तू अपना मनोबल ना खोना
जीवन से ना हार मनुज तू जीवन से न हार.