जो हर पल, हर घड़ी, हर दिन, किशन को याद आती है
उसी का नाम है राधा, वही राधा कहाती है.
जो करती प्यार कान्हा से , नहीं कुछ चाहती बदला
मगर उसके इशारे को कभी समझा नहीं पगला
जो बंसी की सदा सुनकर चली पनघट पे आती है
उसी का नाम है राधा, वही राधा कहाती है.
वो जिसके प्यार में डूबा कन्हैया भूलता सब कुछ
वो जिसके इक इशारे पर कहे मैं, दूँ लुटा सब कुछ
वो जिसकी याद रह-रह कर कलेजा चीर जाती है
उसी का नाम है राधा, वही राधा कहाती है।
नहीं वो दो नहीं , वो एक हैं, बेशक हैं तन से दो
है उनका साथ जन्मों का, सदा मिलते जुदा हो-हो
वो जिनकी इक जुदाई ही किशन लीला कराती है
उसी का नाम है राधा, वही राधा कहाती है।
वो जिसके प्यार की सीमा नहीं जाने मुनि ज्ञानी
वो जिसके प्यार में खोकर किशन बन जाए अज्ञानी
जगत के नाथ को जो अपनी ऊँगली पर नचाती है
उसी का नाम है राधा, वही राधा कहाती है।
कहा है श्याम ने, मैं पीछे -पीछे चल पडूँ उसके
अगर रा,,,,,,, ही निकल जाए किसी के प्यार से मुख से
वो जिसके नाम की धुन श्याम को सेवक बनाती है
Hare krishna
Mukesh Kumar Singh (CA-FINAL) (4094 Points)
27 August 2011