जनवरी से जून तक चलने वाले प्लेसमंट प्रोसेस में कंपनियां डीयू कॉलिजों में दिलचस्पी नहीं दिखा रही थीं, लेकिन अब एसआरसीसी के प्रिंसिपल डॉ. पी. सी. जैन ने बताया कि कॉलिज में पहली बार जर्मन बैंक ड्यूश प्लेसमंट के लिए आ रहा है। नवंबर के पहले हफ्ते में बैंक स्टूडंट्स का इंटरव्यू शुरू करेगा। एसआरसीसी में प्लेसमंट सेल के इंचार्ज डॉ. सी. एस. शर्मा ने बताया कि कॉलिज ने कंपनियों के सामने एक शर्त भी रखी है। इसमें कहा गया है कि अंडरग्रैजुएट स्टूडंट्स को कम से कम 2.4 लाख और पोस्टग्रैजुएट स्टूडंट्स को 4 लाख रुपये सालाना इनहैंड मिलने चाहिए। यानी इससे कम पर कंपनियों के लिए कॉलिज के दरवाजे बंद हैं। शर्मा ने बताया कि एक कंपनी को इस शर्त के चलते लौटाया भी जा चुका है। अभी कॉलिज में 12 से अधिक कंपनियां प्लेसमंट के लिए आ चुकी हैं और स्टूडंट्स को छह से सात लाख रुपये तक का पैकिज आराम से ऑफर हो रहा है। पिछले साल की तुलना में ऐवरेज पैकिज पहले ही ज्यादा हो चुका है। वह बताते हैं कि अंडरग्रैजुएट लेवल पर बीकॉम ऑनर्स और इकनॉमिक्स ऑनर्स की तो डिमांड है ही, पिछले 10 साल से चल रहे पोस्टग्रैजुएट डिप्लोमा इन ग्लोबल बिजनस ऑपरेशन (जीबीओ) कोर्स को पूरा कर चुके स्टूडंट्स को भी कंपनियां हाथोंहाथ ले रही हैं। यह कोर्स केवल एसआरसीसी में ही है और इसे एमबीए के बराबर माना जाता है। जानकारी के मुताबिक, ड्यूश बैंक एसआरसीसी के अलावा सेंट स्टीफंस कॉलिज के भी स्टूडंट्स को सिलेक्ट कर सकता है। वैसे इस बार कैंपस प्लेसमंट के हालात डीयू में काफी बेहतर हैं। एफएमएस में तो 100 फीसदी समर प्लेसमंट हुई है। |