DHANTERASH...

CA. Dashrath Maheshwari (TaXpert) (15103 Points)

25 October 2008  

इस बार धनतेरस के दिन रवि योग और अमृतसिद्धि योग होने से व्यापारियों की बांछे खिली हुई है। ज्योतिषियों ने इस संयोग को चार गुना अधिक फलदायी बताया है। पं. बंशीधर जयपुर पंचांग के निर्माता पं. दामोदर प्रसाद शर्मा का कहना है कि धनतेरस के दिन रविवार और उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र होने से इस दिन रवि योग बन रहा है।

इस दिन दोपहर बाद 3 बजकर 46 मिनट से हस्त नक्षत्र और सर्वार्थसिद्धि योग प्रारंभ होगा। दोनों एक साथ होने से अमृत सिद्धि योग बनेगा, जो इस दिन की गई खरीदारी और शुभ कार्य का चार गुणा फल देगा।

ज्योतिषाचार्य पंडित पीतांबर शर्मा के अनुसार धनतेरस पर सूर्यास्त से शुभ व अमृत और चर के चौघड़िए में शाम 5:45 से 10:30 बजे तक दीपदान किया जा सकेगा। इस दिन यमराज की पूजा की जाती है व व्रत रखा जाता है। घर के मुख्य दरवाजे पर एक पात्र में अन्न रखकर उसके ऊपर यमराज के निमित्त दक्षिणाभिमुखी दीपदान करना चाहिए तथा गंधादि से पूजन करना चाहिए।