होली और दिवाली हर साल आएगी,
मगर हर बार लाचार माँ एक ही बहाना बनाएगी . . .
पहन ले इस बार पुराने कपडे ही,अगली बार ले दूंगी
नए कपडे जब पापा की तनखा आएगी . . .
"अच्छे बच्चे जिद नही करते" माँ हर बार ऐसे ही मनाएगी,
मगर इतना कहते हुए वो बेचारी अन्दर से टूट जाएगी . . .
क्या कमाल का हौसला उसे रब ने बक्शा है,
खुद भूखी रह कर भी बच्चो को खिलाएगी . . .
होली और दिवाली तो हर साल आएगी