BUDGET… BUDGET… BUDGET…
आम तौर पर BUDGET हर इंसान के लिए होता है, लेकिन अपने देश की बात थोड़ी अलग है मेरे दोस्त, यहाँ BUDGET आम आदमी के लिए नहीं होता| उसकि एक वजह यह भी है के अपने देश मैं BUDGET के दोरान आम अदमि को धयाम मै हि नहि रख जता| e.g. हमरे देश मै जो BUDGET आता है उसमे SLAB RATE मै सुधर होते है| लेकिन अहम बात तो ये है के आम अदमि उस SLAB RATE तक पहुनच है नहि पाता, कयोकि ` 1,90,000 की आवकवाले को आम अदमी की कक्षा मै दालना उसका अपमान करने के बराबर होत है| हमारे देश में तकरीबन ५०% दे ज्यादा लोग की मासिक आवक सिर्फ ` ७०००-९००० की होती है| उन के लिए SLAB RATE और BUDGET जैसा कुछ होता ही नहीं|
तो जो ऐसे लोग रहते है अपने देश में उनके लिए कौन सा BUDGET होता है मेरे दोस्त???? ये एक दु:खद सवाल है| मैं हर साल BUDGET में हम कुछ नया देखते है लेकिन कुछ भी नया उन लोगो को नहीं मिल पाता| ये हमारा देश है| उसमे यह हो रहा है, उसके मंत्री ऐसे है तोह अपने देश का कुछ भविष्य कहा होने वाला है|
ऊपर की चर्चा के बाद एक बात स्पष्ट है के यह BUDGET कतई आम आदमी के लिए नै होता| सरकार अपनी जेब भरने के लिए नए नए नए पेंतरे ढूंढ ही लेती है BUDGET उस पेंतरे का छोटा सा हिस्सा है| पिछले साल जो बड़े बड़े काले घोटाले हुए उसके बारे में थोड़े दिन तक हडकंप मच गई, बाद में वोह घोटालों को दबा दिया जाता है| यह है हमारा देश| जहा देश के सुरक्षा BUDGET से ज्यादा रूपये तोह घोटालों में चले जाते है| उस सरकार से क्या उमीद रखे आम आदमी???? यह एक बड़ा सवाल है|
हम जिस देश में रहते है, जिसकी राष्ट्रिय भाषा “ हिंदी ” है उस देश का BUDGET “ अंग्रेजी ” में पेश होता है| जो BUDGET पेश कर रहा होता है उसको हिंदी भोलना ठीक से नहीं आता है| यह है हमारा देश| मेरे दिल में जो है मैंने वोही कहा, और कुछ भी गलत नै कहा ये में दावे के साथ कह सकता हूँ| हर इन्सान के अपने कुछ नजरिये होते है, यह अपने BUDGET के प्रति मेरा नजरिया है| सरकार आम आदमी के लिए BUDGET पेश करेगी उसी दिन से अपने देश का विकाश शरू होगा ये मेरा दावा है|
Regards, Bhavin Pathak