A poor, abused child letter to his mom

CA Pallav Singhania (IT System Auditor) (33362 Points)

26 June 2012  

 

माँ मुझे एक बंदूक दे दे
मै कसाब बन जाऊँगा 

दो चार मंत्री को मार
रोज कबाब मै खाऊँगा 


यहाँ तो इक चादर भी नहीं
वहाँ नरम बिछौना पाऊँगा

दिन रात मै जागूँ यहाँ
वहाँ चैन की नींद सो जाऊँगा

यहाँ मिले गाली और घूंसा
यहाँ रोज मार मै खाऊँगा

वहाँ मुझे छिंक भी आये
तुरंत दवाई मै पाऊँगा

घर की सूखी रोटी से तो अच्छा
रोज बिरयानी खाऊंगा

और जब मैं अदालत में जाऊ
तो मंद मंद मुस्कराऊंगा

मुझे देख भारतवासी गुस्से से तिलमिलाए
तो उनकी किस्मत पर तरस खाऊंगा

फिर देना जब जनम मुझे
मै ऐसा भाग न पाऊँगा

माँ मुझे एक बंदूक दे दे
मै कसाब बन जाऊँगा

 

Regards,

Aryan